Monday, August 30, 2010

उद्घोष

मित्रों योगियों एवं महायोगियों,

जिज्ञासा बहुत दिनो से रही है लेकिन मन की गुह्यता के बीच मै अपने होने की वजह और मेरे चेतन का अस्तित्व से सम्बन्ध पर मानस मंथन करता रहा...यह एक यात्रा है और मुझे लगता है कि यह एक ऐसी यात्रा है जिसकी कोई मंजिल नही है और अगर मंजिल का बोध होता है तो शायद वह मानवीय सीमा है एक जडता का प्रतीक भी।

बचपन मे स्कूल के जादूगर के चमत्कारों से रोमांचित होता मन अब बुद्दि से उस दूनिया का पता लगाना चाहता है जो प्रत्यक्ष नही है,ज्ञान कहता है कोई सीमा नही और विज्ञान के अपने पैमाने है वो तर्क तलाशता है।

मै बीच के मार्ग से गुजरना चाहता हूं जहाँ अन्धविश्वास न हो और न ही कुतर्क। मनोविज्ञान का अकादमिक ज्ञान(पी.एच.डी.) ग्रहण करने के बाद मुझे बोध हुआ कि मनुष्य के मस्तिष्क और उसकी चेतना मे असीम शक्ति है वो कुछ करने मे सक्षम है चाहे वो भौतिक हो अथवा अभौतिक।

परामनोविज्ञान एक प्रयास है एक प्रयोग है दर्शन और मनोविज्ञान के बीच मे सेतु बनाने का साथ ही ऐसे व्यक्तित्व को सामने लाने का जिन्होनें विज्ञान की भाषा मे अभ्यास और आध्यात्म की भाषा मे अपनी साधना से बहुत कुछ ऐसा किया जो न केवल अविश्वसनीय बल्कि हैरतअंगेज भी...।

बिलिव इट ओर नोट,मानो या न मानो और संभव क्या जैसे टी वी सीरियलों मे बहुत से लोगो ने देखा होगा कि ये दूनिया बडी रहस्यमय है और इसी रहस्यवाद की पडताल करने के लिए मै भी निकला जैसे बरसो पहलो ब्रिटिश पत्रकार पाल ब्रंटन निकले थे उन्होने ढेरो ऐसे लोगो से साक्षात्कार किया जो अपने आप मे चमत्कारिक थे शायद आप मे से बहुत से लोगो ने उनकी कृति गुप्त भारत की खोज पढी होगी,अंत मे उनको तो अपनी मंजिल रमण महर्षि के आश्रम मे मिल ही गई थी मुझे पता नही मिलेगी या नही।

यह एक शाश्वत भटकन है उस दूनिया को जानने की जहाँ कुछ भी असंभव नही अपनी दूनिया के समानांतर दूसरी दूनिया जिसमे सब कुछ प्रतिभासी है लेकिन है जरुर उसी रहस्य की दूनिया के अनुभवो को आपके साथ सांझा करने के लिए यह ब्लाग शुरु कर रहा हूं, पहले मेरी योजना एक त्रैमासिक पत्रिक निकालने की थी उसका पंजीकरण भी करवा लिया था लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणोंवश उसका प्रकाशन नही हो पाया। अब उसके स्थान पर यह ब्लाग शुरु कर रहा हूं देखता हूं कि कब तक आप तक अपने तजरबे पहूंचाता रहूंगा।

इस ब्लाग के माध्यम से मै आप सबको आमंत्रित भी करता हूं कि अगर आपकी नजर मे कुछ भी ऐसा है जो अजीब है रोचक है और अविश्वसनीय भी और आपको लगता है कि दूनिया को इसके बारे मे पता चलना चाहिए तो मुझे ई मेल के माध्यम से जरुर बताएं, हम पडताल करेंगे और अगर ऐसा कुछ पाया गया जो वास्तव मे रहस्यवादी है ढोंग या प्रपंच नही तो निश्चित रुप उसको प्रकाशित किया जाएगा।

योगी,तांत्रिक,साधक परामनोविज्ञानी की तलाश मे मै बहुत भटका हूं हिमालय की कन्द्राओं से लेकर आश्रमों के चक्कर काटे है लेकिन मुझे अभी तक एन्द्रजालिक लोग ही ज्यादा मिले जिनके पास है बहुत कम और बताते बहुत ज्यादा। धीरे-धीरे सबका जिक्र किया जाएगा।

अभी इस ब्लाग के कंटेंट के मामले मे किसी प्रकार का नियोजन नही किया गया है अगर आपका कोई सुझाव है तो आपका स्वागत है हाँ ये तय है कि रहस्यजगत के अंदरुनी हिस्सो की पडताल और अनसुलझे रहस्यों को प्रकाशित करना हमारी प्राथमिकता रहेगी।

शेष मेरी यात्राओं और व्यक्तिगत प्रयोगों अनुसंधान से जो भी कुछ निष्कर्ष निकलेगा वो सब आपके साथ सांझा किया जाएगा।

अंत मे एक बात और इस ब्लाग का उद्देश्य किसी भी अन्धविश्वास को बढावा देना नही है बल्कि गुह्य ज्ञान की उस शाखा को प्रकाशित करना है जो अभी तक तांत्रिको,जादूगरो और साधको,योगियों तक ही सीमित है।

शेष फिर

डा.अजीत

dr.ajeet82@gmail.com

15 comments:

  1. बहुत सुन्दर आलेख!
    --
    सत्यता उजागर करने के लिए साधुवाद!

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  2. डॉ. साहिब!
    ब्लॉग पर से ताला तो हटाइए!
    तभी तो चर्चा मंच पर कॉपी पोस्ट करके चर्चा में ले पायेंगे!

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  3. आप ब्लॉग्गिंग में एक अभूत पूर्व शुरुआत करने जा रहे हैं...विज्ञानं और जीव विज्ञानं पर तो फिर भी कुछ ब्लॉग हैं लेकिन परा मनोवैज्ञानिक विषय पर मेरी नज़र में कोई ब्लॉग अभी तक नहीं आया है...आप का स्वागत है...मैं इसे पढने आता रहूँगा...ये वादा रहा , हालाँकि मेरा दिव्य शक्तियों और चमत्कारों में कोई विश्वाश नहीं है फिर भी और और जानने की इच्छा हमेशा रहती है...

    नीरज

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  4. आपकी यह साइट देख कर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है .मेरी भी इस ओर रुचि है और कई बार मैंने विचित्र अनुभव किये हैं.मैं बड़ी उत्सुकता से आगे आनेवाली सामग्री की प्रतीक्षा कर रही हूँ .
    मेरी कामना है यह ब्लाग सफल और सम्मानित हो!

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  5. dr ajeet, welcome
    i have interest in parapsychology, so i read various books and write sometime,

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  6. आपका ब्लॉग विशेष उद्देश्य लेकर प्रकट हुआ है. हमारा रोमांच बढाता यह ब्लॉग आपके अन्य लेखों की प्रतीक्षा करेगा. आपका लेखन संवाद शैली का है, सभी को पसंद आयेगा.

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  7. बहुत सुन्दर आलेख!

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  8. विश्वास और अंधविश्वास जैसे विषयो पर मेरे प्रायोगिक अनुभवो को ब्लॉग में प्रकाशित किया मैंने.
    जिज्ञासु पाठक पढ़े -
    १-मेरे विचार : renikbafna.blogspot.com
    २- सत्य की खोज में /In Search of TRUTH : renikjain.blogspot.com
    -रेणिक बाफना

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  9. नमस्कार सर,
    मै जानना चाहता हूँ कि 2010 के बाद कोई पोस्ट क्यों नहीं लिखा है?

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  10. नमस्कार सर,
    मै जानना चाहता हूँ कि 2010 के बाद कोई पोस्ट क्यों नहीं लिखा है?

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  11. बहुत अच्छा ब्लोग है। लेकिन अगली पोस्ट कब आएगी?

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  12. बहुत अच्छा ब्लोग है। लेकिन अगली पोस्ट कब आएगी?

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  13. अति सुन्दर आपका यह परामनोवैज्ञान का ज्ञान है अद्भुत है औलोकिक है यह परंमशक्ति औऱ अनंत ज्ञान जो अशिम है ....धन्यवाद !💐

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  14. Very nice your biodata aap ke jaisa me bhi hu

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  15. हमें भी इस विषय में जानकारी चाहिये
    हम जिज्ञासु है हम अवश्य ही आपके अनुभव पूरे मनोयोग से पढेंगे

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